कार्ल मार्क्स की समझदारी : Motivational Short story of Karl Marx

कार्ल मार्क्स की समझदारी | Motivational Short story of Karl Marx
एक युवक था | वह बहुत समझदार और नेक था| वह किसी
भी इंसान पर अत्याचार होते हुए नहीं देख सकता था ।
उसके मन में निर्धनों और शोषितों के लिए बहुत स्नेह था ।
वह हमेशा सोचता रहता था कि ऐसा क्या किया जाये की समाज से शोषक वर्ग
को खत्म कर दिया जाये । किस प्रकार समाज में समानता लाई जा सकती है ।
यही सोचते हुए वह एक दिन कही जा रहा था की अचानक उसकी नज़र एक मजदूर पर पड़ी
जो कि एक दीवार पर पुताई कर रहा था। उन्होंने महसूस किया कि वह श्रमिक पुताई तो कर रहा था
पर जिस ढंग से वह कर रहा था उसमें केवल उसके समय की बर्बादी हो रही थी ।
और पुताई भी अच्छी नहीं हो रही थी । यह सब देखकर उससे रहा नहीं गया ।
वह उसके पास गया और उससे बोला । क्या तुम ऐसी पुताई करना चाहोगे,
जिसमें पुताई भी हो जाएगी और समय और सामान भी कम लगेगा ।
श्रमिक उसे आश्चर्य से देखने लगा । उसका मालिक भी वही खड़ा था ।
दोनों ने विचार किया और बोले कि हाँ भाई आपके पास ऐसी कोई भी विधि पता हो
तो हमें अवश्य बताओ । उस युवक ने कमीज की आस्तीन ऊपर चढा लिया ।
यह भी जरूर पढ़े –अच्छी बातों को जीवन में उतारें
शाम होने से पहले उसने पूरा काम खत्म कर दिया । जब काम ख़त्म हो गया तो मालिक
प्रसन्न हो गया । मालिक ने खुश होकर उसे मेहनताना देना चाहा पर उस युवक ने उसे
लेने मना कर दिया और कहा यह तो उस मजदूर का काम था ।
यह आप उसी को दे दीजिये । वह बोला मैंने तो थोड़ी सी बुद्धि का प्रयोग किया है ।
यह युवक और कोई नहीं था कार्ल मार्क्स थे ।
मज़दूर भी ख़ुश हो गया उसे भी पुताई करने का एक नया तरीक़ा मिल गया
कार्ल मार्क्स ने ही साम्यवाद के रूप में पूरी दुनिया को एक संकल्पना दी है, जिसमें इंसान का इंसान
के हाथों शोषण संभव नहीं होता है । इसकी व्यवहारिकता को लेकर भले ही बहस होती रहे,
मगर इसमें दो राय नहीं कि मार्कस के विचार शोषितों के हाथ मजबूत करने वाले
महत्त्वपूर्ण हथियार सवित हुए है ।
कार्ल मार्क्स जर्मन दार्शनिक, राजनीतिक सिद्धांतकार, समाजशास्त्री, इतिहासकार,
समाजशास्त्र और वैज्ञानिक समाजवाद के प्रदाता थे ।
कार्ल मार्क्स का पूरा नाम कार्ल हेनरिख मार्क्स था ।
इनका जन्म सन 1818 में 5 मई को हुआ था ।
कार्ल मार्क की पुस्तके:
Critique of the Gotha Program, दास कैपिटल, कम्युनिस्ट पार्टी का घोषणापत्र, जर्मन विचारधारा,
1848 की आर्थिक और दार्शनिक पाण्डुलिपियां,Grundrisse, Theses on Feuerbach
A contribution to the critique of political Economy, The Poverty of Philosophy
on the jewise question, The Eighteenth Brumaire of Louis Napoleon,
कैपिटल वाल्यूम आदि ।
ये भी जरुर पढ़ें:-
गौतम बुद्ध के अनुसार उत्तम व्यक्ति की पहचान
Friends अगर आपको ये Post “कार्ल मार्क्स की समझदारी
: Motivational Short story of Karl Marx ”
पसंद आई हो तो आप इसे Share कर सकते हैं.
कृपया Comment के माध्यम से हमें बताएं आपको ये Post कैसी लगी।
FOR VISIT MY YOUTUBE CHANNEL
ऐसी ही कई शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनने के लिए,
हमारे चैनल ज्ञानमृत को ज़रूर Subscribe करें।
Speak Your Mind