ख्वाइश पर कविता
ख्वाईशों का क्या है
ये तो कम नहीं होती
परेशां कर देती हैं ये इनकी
आदत खतम नहीं होती
एक के ख़तम होते ही
नयी का जनम होता है
बस एक के बाद एक
इनकी फितरत ख़तम नहीं
सबकुछ होते हुये भी बेवजह
एक एक कमी रहती है
दमे- आखिर तक इनकी
बहशत ख़तम नहीं होती
रब खैर करे उसकी जो
पूरा करने में जुट जाए रात दिन
रास्ता चलता जाता है बस
इनकी मंजिल ख़तम नहीं होती
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Aaj Ek nayi subah k saath, naye alfaazo ko sanjoye aap ki ek aur kavita mere paas thi..
Priyanka di…aap bahut achcha likhti h…mai bhi likhti hu kabhi-kabhi.. Per abhi medical ki tests frequently hone se taras jati..
Per aapki poems ko padh k..mujhko achcha feel hota..
Thank you di…
बहुत बहुत शुक्रिया श्रेया जी…
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति …. very nice article …. Thanks for sharing this!! 🙂
Thanks…
बहुत अच्छी प्रस्तुति.
“जिंदगी में किसी का साथ काफी है…
कंधे पर किसी का हाथ काफी है.
दूर हो या पास फर्क नहीं पड़ता
सच्चे रिश्ते का बस एहसास ही काफी है.”
Thank you sir,
Priyanka ji aapne bahut acchi kavita likhi hai aapne to mere dil ko chhu liya ..Boliye mai apake liye kya kar sakti hu…
Thank you…Roshniji
I will update profile picture very soon…
आपको मेरी Poetry पसंद आई इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया…
Priyanka JI aap mujhe ek baat bataiye ki aapne abhi tak profile par picture kyon nahi set kiya hai.
Kya apko pata hai blogger ki ye ek pahchan hoti hai …
very good poem, aise hi apki manjil hamesha chalti rhe…..
Thanks…
Very good
Hi
Yahi Kuch sab chahta Haan magar itna Kuch aap Kuch he shbadoon main explain kar deti haan .
Kafi accha kahaan apney sab Yahi Bhag daud main Haan
Kaaamal likha kamaal
Thank you,
Hamei hamesha life me aage badhna chahiye. Har Khwaishon ke peeche bhagenge, to shayed aage nahi badh payenge kyunki khwaishein kabhi khatm nahi hoti.