जार्ज वाशिंगटन की समय की पाबंदी । Short Hindi Story of George Washington
अमेरिका के राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन ने एकबार कुछ मेहमानों को अपने घर पर दोपहर के खाने पर
बुलाया। भोजन करने के बाद उन्हें सैनिक कमांडरों की एक आवश्यक बैठक में जाना था। उनका नौकर
यह बात जानता था, कि जार्ज साहब समय के बड़े पाबंद हैं ।
उनके नौकर ने इस बात की सूचना उनको ठीक समय पर दी। कि भोजन तो लगचुका है, लेकिन अभी
तक मेहमान नहीं आये है। वह भोजन कक्ष में गये और कहा आप वाकी जो प्लेट
आपने लगाई थी। वो प्लेटे आप उठा लीजिये, मैं अकेले ही भोजन कर लूँगा।
मेहमानों की प्रतीक्षा किये बगैर ही भोजन करना शुरू कर दिया, जब वे आधा भोजन कर चुके थे तब
मेहमान वहां पहुंचे। खाने के लिये मेहमानों के लिये प्लेट लगाई गयी। जार्ज ने हमेशा की तरह
अपना भोजन समय समाप्त किया।
निश्चित समय पर विदा लेकर एक बैठक में शामिल होने चले गये। जब वह बैठक में पहुँचे तो पता चला कि
अमेरिका के एक हिस्से में विद्रोह हो गया है। उनके समय पर पहुँचने के कारण फ़ौरन जरुरी आदेश जारी
किये गये और सभी पहलुओं पर विचार किया गया।
हालात सँभालने के उपाय किये गये इस तरह एक बहुत बड़ी जन- धन की हानि होने से बचना संभव हो पाया।
इन सब बातों का पता कुछ समय बाद उनके मेहमानों को चला, तो उन्हें आत्मग्लानि हुई कि वे अपना कितना
समय बर्बाद करते है।
अनुभव किया कि हर काम को सही समय पर करने से होने वाली हानियों को रोका जा सकता है। और जीवन
को सुचारू ढ़ंग से जिया जा सकता है, वे फिर से राष्ट्रपति से मिले और उनसे कहा हमें माफ़ कर दीजिये।
तो राष्ट्रपति जी ने कहा – इसमें क्षमा मांगने जैसी कोई भी बात नहीं है ।
जिन्हें अपने जीवन की व्यवस्था, परिवार, समाज और देश की उन्नति का ध्यान हो, उन्हें समय का कड़ाई से
पालन करना चाहिये।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने समय को बचाना चाहिए और बिना बर्बाद किये उसका
सही उपयोग करना चाहिये।
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