LETS THINK ABOUT AARAKSHAN IN OTHER WAY IN HINDI

LETS THINK ABOUT AARAKSHAN IN OTHER WAY IN HINDI

LETS THINK ABOUT AARAKSHAN IN OTHER WAY IN HINDI

LETS THINK ABOUT AARAKSHAN IN OTHER WAY IN HINDI

आरक्षण हमारे देश का एक अहम मुद्दा है. चूँकि हमारे देश में अशिक्षित लोगों की कमी नहीं है। और जब कोई इन्सान अशिक्षित होता है तो उसके सोचने समझने की शक्ति विकसित नहीं हो पाती। इसका फायदा कई लोग उठाते हैं। काफी हद तक शिक्षित लोग अशिक्षित लोगों पर शासन कर रहे है।

हमारे देश में सरकार द्वारा अनुसूचित जाति को आरक्षण प्रदान किया है। चाहे वह शिक्षा हो या नौकरी।

“काफी सारे लोगों का कहना है कि आरक्षण आर्थिक होना चाहिए मैं इस बात से सहमत हूँ, कि आरक्षण आर्थिक होना चाहिए।”

लेकिन मैं और आप इस बात से भी इंकार नहीं कर सकते  कि हमारे देश में ज्यादातर लोग जो  अशिक्षित है, वो अनुसूचित जाति के हैं। अगर हम अपने घर से बाहर निकल कर ध्यान से देखें तो छोटी जाति के लोगों में ज्यादातर लोग अशिक्षित और गरीब हैं। उनके घरों का माहौल देखने लायक नहीं है उनके घरों में लड़ाई झगड़े मारपीट एक आम बात है।

एक देश तरक्की तब करता है, जब उस देश हर नागरिक तरक्की करे। हमारे देश में सदियों से चल रहे जातिवाद की वजह से हर एक नागरिक को एक दृष्टि से देखना बहुत मुश्किल है।

Friends… आपने कभी सोचा है कि हमारे देश में सिर्फ महिलाओं और छोटी जाति के लोगों को ही क्यूँ आरक्षण दिया गया है ? क्यूंकि हमारे देश में कई अरसे से महिलाएं और छोटी जाति लोग बहुत पीछे हैं।

आजकल लोग अपनी बेटियों को पढ़ा रहे हैं क्यूंकि उन्हें पुरुषों से जल्दी नौकरी मिल जाती है। और आज India में गाँव हो या शहर हर department में जितने पुरुष हैं, उतनी महिलाएं भी हैं। इससे काफ़ी हद तक महिलाओं को  समाज में एक स्थान मिला है। अगर देखा जाये तो जिन घरों में महिलाएं नौकरी करती हैं पैसे कमाती हैं उन्हें Respect दिया जाता है। सरकार के इस कदम से लोग अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए जागरूक हो रहें हैं. आजकल हर माता-पिता चाहते हैं उनकी बेटी Self dependent हो किसी पर बोझ न रहे।

Friends…आज भी जो लोग हरिजन या छोटी जाति के हैं उनके घरों में लोग पानी पीना भी पसंद नहीं करते, उन्हें छूना पसंद नहीं करते। आप खुद ही सोचिये कि ये भेदभाव किस हद तक सही है ऐसे में देश का विकास कैसे संभव है ?

मैं एक Example देना चाहूंगी की अगर कोई छोटी जाति का व्यक्ति कलेक्टर बन जाता है तो बड़ी जाति के लोगों उनके घर जाना भी पड़ता है, पानी तो क्या खाना भी खाना पड़ता है।

ये जातिगत भेदभाव लोग बचपन से देखते आ रहे हैं, इसलिए सबको समानता से देखना बहुत मुश्किल है। लेकिन  यदि हर इन्सान बदलने की कोशिश करे तो ये भेदभाव धीरे-धीरे ख़त्म हो सकता है।

आरक्षण सिर्फ सरकारी नौकरी में दिया गया है जो की लगभग 30% है इसका मतलब है छोटी जाति के लोगों को भी पढाई तो करनी ही पड़ती है, पर सामान्य लोगों से थोड़ी कम पढाई करनी पड़ती है।

जो लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते थे। आज वो जल्दी नौकरी मिलने की वजह से अपने बच्चों को पढाना चाहते हैं। और अगर किसी एक घर में एक बच्चे को अच्छी नौकरी मिल जाती है। तो उस घर में शिक्षा का माहौल हो जाता है। और वो अपनी आगे की पीढियां भी शिक्षित करने  की कोशिश करते है। शिक्षा के महत्व को समझने लगते हैं। जिस देश के सभी नागरिक शिक्षित हों उसका विकास स्वाभाविक रूप से होगा।

Friends अगर हमारे अन्दर क़ाबलियत है तो हमें पैसे कमाने के लिए कई रास्ते हैं। Private job में भी अच्छी salary और आगे बढ़ने की अच्छी opportunity है, और सारी सुविधायें दी जाति हैं. हम Business भी कर सकते हैं। तो फिर क्यूँ हम आरक्षण को लेकर इतने परेशान रहते हैं, क्यूँ अपनी नाकामयाबी का दोष आरक्षण को देते हैं, क्यूँ देश के हर एक नागरिक को आगे बढ़ने में अपना योगदान नहीं दे सकते ?

सामान्य जाति के लोग चाहे गरीब हों या पैसे वाले सब अपने बच्चों को पढ़ाते जरुर हैं। पर छोटी जाति के लोग आरक्षण की वजह से और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं की वजह से अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए जागरूक हो रहे हैं।

हमारे देश में जहाँ आज भी महिलाओं को बाहर निकलने की इज़ाज़त नहीं है। लोग अपनी बेटियों पढ़ा रहे हैं।आज भी हमारे देश में कई जगहों पर महिलाएं तो सामान्य जाति की भी पीछे हैं। हर जाति में महिलाओं और पुरुषों के बीच एक भेदभाव देखने को मिलता है। पैसे की जरुरत हर इन्सान को होती है चाहे वह सामान्य जाति का हो या पिछड़ी जाति का हो। इसलिए महिलाओं के बाहर निकलकर नौकरी करने में किसी भी परिवार में कोई भी आपत्ति नहीं होती। और जब वो  पुरुष की तरह पैसे कमातीं  हैं। तो सारा परिवार और समाज सब उन्हें सम्मान देने लगते हैं।

जिन घरों में अशिक्षा का माहौल है ऐसे घरों में उनके बच्चों का पढ़ लिख जाना ही महत्वपूर्ण है।”

जब हमारे देश में कोई भी नागरिक अशिक्षित नहीं होगा। कोई भी नागरिक बेरोजगार नहीं होगा। जब देश का हर नागरिक दुसरे नागरिक की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर होगा। चाहे वह ज्ञान हो या पैसा लोग शेयर करने लगेगें। लोग रिश्वत लेना,और देना बंद कर देंगे, हर इन्सान अपना काम पूरी ईमानदारी से करेगा। तो ऐसे देश का विकास स्वाभाविक रूप  से होगा। इसलिए हमारे देश के विकास के लिए हमें अपनी तरफ से कुछ न कुछ योगदान जरुर देना चाहिए।

 

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Comments

  1. बात तो सही हैं। नारी को काफी हद तक पुरुषो के समान माना जाने लगा है वो भी सर्फ पढाई और जॉब की वजह से। लेकिन जब बात आरक्षण की आती है तो मेरे हिसाब से आरक्षण खत्म होना चाहिए।

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