Hindi Story of Humbleness जापान के कागावा की सादगी
एक बार की बात है जापान के एक संत थे जिनका नाम कागावा था । लोग उन्हें जापान का गाँधी भी कहते थे। वे गांधीजी की तरह अत्यंत सादगी से रहते थे । वे जापान के लोगो में बहुत लोकप्रिय थे ।
वहीं एक व्यक्ति था, जो कागावा से बहुत ईर्ष्या करता था । बाकि सभी लोगो के साथ भी उसका व्यवहार सही नहीं था। इसलिये लोग उस व्यक्ति से दूर ही रहते थे ।
जब उसने देखा कि – चारों तरफ कागावा की प्रशंशा हो रही है , लोग उन्हें भगवान की तरह पूज रहे है । उसका ईर्ष्या भाव इस कदर बढ़ गया कि उसने तय किया कि रात को सोते समय वह कागावा कि गर्दन तलवार से काट देगा ।
एक दिन रात को वह कागावा के घर पहुँचा और धीरे से दरवाजा खोला, तभी अचानक कागावा की नींद खुल गई । वह व्यक्ति डर गया उसने सोचा कि अब उसकी खैर नहीं कागावा शोर से सभी को इकट्ठा कर लेंगे ।
लेकिन कागावा ने ऐसा कुछ नहीं किया कागावा के चहरे पर तो शिकन का नामो निशान भी नहीं था । उन्होंने अपने दोनों हाथ जोड़े और ईश्वर से प्रार्थना करने लगे कि मेरे इस भाई को सदबुद्दि दो , इसका कल्याण करो ।
वह व्यक्ति यह सब देखकर पानी – पानी हो गया । उसने सोचा – मैं तो उस व्यक्ति को मारने आया था , लेकिन यह तो मेरे लिये प्रार्थना कर रहा है ।
इसके चेहरे पर न तो क्रोध है न तो घृणा, सिर्फ प्रेम भाव और क्षमा भाव है ।
उसने तलवार फैंक दी और कागावा के चरणों में गिर पड़ा । कागावा ने उसे उठाया और गले से लगाया और बोले – कोई बात नहीं गलती इन्सान से ही होती है ।
भगवान तुम्हें क्षमा करें और सत्कर्म करने की शक्ति दें ।
इस घटना के बाद तो जैसे उस व्यक्ति का कायाकल्प हो गया । वह सदाचारी बन गया – सच ही कहा जाता है सच्चे संत के प्रभाव से क्रूर से क्रूर व्यक्ति का ह्रदय परिवर्तित हो जाता है ।
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