मायूसी पर हिंदी कविता Hindi Poetry on disappointment

मायूसी पर हिंदी कविता

Hindi Poetry on disappointment

मायूसी पर हिंदी कविता Hindi Poetry on disappointment

मायूसी पर हिंदी कविता Hindi Poetry on disappointment

मायूसियों से कह दो भूल गया  हूँ  उनको

वो दर्द जिसे कभी सहने से भी डरता था

उस दर्द से दोस्ती सी हो गई है अब तो

खुश रहने की आदत सी हो गई है अब तो

 

मुझे आजमाने की कोशिश न कर ए जमाना

इतना आसान भी नहीं अब  मुझको हराना

हार जायेंगे ये दुनिया वाले मुझसे
नफरतों  से भी मोहब्बत हो गयी अब तो

हारने से पहले ही हिम्मत की है  हारने की
हार और जीत से दोस्ती हो गयी है अब तो

जिंदगी जिंदादिली का नाम है दोस्तों
जिंदगी से मोहब्बत हो गयी है अब तो

नसीब लिखा है  बुलंद इरादों से अपना
नसीब से भी तो  दोस्ती हो गयी अब तो

 

We are grateful to Mr Anil sahu  for sharing this beautiful poetry.

अनिल साहू

Blog: www.hindisuccess.com

          www.edutoday.in

 

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Comments

  1. Thanks Priyanka Ji.

  2. Hi Priyanka Ji,
    Bahut achhi poetry share ki hai Anil G ne
    main bhi poetry share karna chahta hoon kaise bataye pls
    thanks

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