अभी अभी तो उड़ान पंख लगे हैं मेरी हिंदी कविता Best Hindi poetry on myself

अभी अभी तो उड़ान पंख लगे हैं मेरी हिंदी कविता

Best Hindi poetry on myself

अभी अभी Best hindi poetry on myself

अभी अभी Best Hindi poetry on myself

अभी अभी तो उड़ान को पंख लगे हैं मेरी

अभी- अभी तो मैंने जीना सीखा है

अभी-अभी तो चाँद तारों की समझ आई है

अभी- अभी तो अश्क पीना सीखा है

 

अभी -अभी तो ये गज़ब हुआ है

अभी-अभी तो जीने का सबब हुआ है

अभी अभी तो की हैं कुछ अनकही सी बातें

अभी-अभी तो साँस लेना सीखा है

 

अभी -अभी तो नींद से जागी हूँ मैं

अभी अभी तो खुला आसमान देखा है

अभी अभी तो चैन आया है मुझे

अभी अभी तो बैचैन होना सीखा है

 

अभी- अभी तो जाना है पेड़ पत्तों को

अभी अभी तो आसमां से सिलसिला हुआ है

अभी- अभी तो खुश रहने  की आदत आई है

अभी अभी तो हँसना सीखा है

 

अभी- अभी तो रौशनी से चमकीं हैं नज़रें

अभी अभी तो एक आफताब देखा है

अभी- अभी तो जाना है इस दुनिया को

अभी- अभी तो चाँद तारों के पार देखा है

 

अभी- अभी तो माना है दिल ने खुद को

अभी- अभी तो खुद से खुद का प्यार देखा है

 

 

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Comments

  1. Bahut hi achha article likha hai aapne…thxx for share

  2. वह प्रियंका जी, बहुत अच्छा लिखा है आपने. “अभी-अभी…..” से शुरू होने वाली पंक्तियाँ दिल को छू लेने वाली हैं आपकी.

  3. प्रियंका जी, बहुत ही सुन्दर, दिल को छू लेने वाली प्रस्तुति

  4. Thank You for share such type of precious poetry.

  5. Very good information you shared, thanks for this.

  6. Great article you shared, thanks for this.

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