गणतंत्र दिवस  की शुभकामनाएँ । कुछ दिल से । Republic day special Article

गणतंत्र दिवस  की शुभकामनाएँ । कुछ दिल से ।

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दोस्तों आप सभी को गणतंत्र दिवस  की बहुत- बहुत शुभकामनाएँ 

हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेज़ों से स्वतंत्र  हो गया था । 26 जनवरी  1950 को हम गणतंत्र दिवस मानते हैं ।

जिस वक़्त हमारा देश स्वतंत्र हुआ था , तब हामरे देश में स्वतंत्रता के मायने थे कि हमें अंग्रेज़ों से स्वतंत्र होना था ।

 

सारे देश में गणतंत्र दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाएगा जैसे झंडा फहराना , परेड, प्रतियोगिताएँ , सांस्कृतिक कार्यक्रम

इत्यादि। नैतिक तौर पर जो भी इस होना चाहिए, वो सब हम बड़ी श्रद्धा भक्ति के साथ करते हैं ।

 

पर क्या हमने कभी हमने अपने आप से प्रश्न किया है कि क्या सिर्फ़ इतना ही काफ़ी है देश की स्वतंत्रता के लिए , या हमारा

देश हमसे कुछ और भी माँग रहा है ।

मैं निजी  तौर पर कहना चाहती हूँ कि कब वो दिन आएगा जब हमारा देश भ्रष्टाचार से जातिवाद से  स्वतंत्र  होगा । क्या इस दिन 

हम भ्रष्टाचार और जातिवाद को रोकने के लिए कुछ नए क़दम नहीं उठा सकते । क्या हमें सिर्फ़ सरकार पर ही निर्भर रहना है।

 

हम ख़ुद अपनी ज़िम्मेदारी नहीं ले सकते । हमारे देश में कई सारे ऐसे लोग हैं, जो अपने सिद्धातों पर जीते हैं । वो भ्रष्टाचार से

दूर रहते हैं निजी तौर पर कोई ऐसा काम नहीं करते , जिससे देश में भ्रष्टाचार या जातिवाद फैले। 

उन तमाम लोगों पर आज में प्रकाश डालना चाहती हूँ और उनको नमन करना चाहती हूँ । जो लोग निजी तौर पर ये ज़िम्मेदारी निभाते 

हैं । 

जाने अनजाने वो शायद भ्रष्टाचार का हिस्सा बनते हों , पर निज़ी तौर पर कोई ऐसा काम जिससे द्वेष की भावना उत्पन्न  हो । 

इसी तरह देश के हर एक व्यक्ति को अपनी स्वयं की ज़िम्मेदारी उठाकर आज के दिन शपथ लेनी चाहिए ।

 

जब हर घर के अंदर बच्चों को यही सीख मिलेगी । नारियों को वही सम्मान और इज़्ज़त मिलेगी जिसकी वो हक़दार हैं । वैसे तो 

कहीं कहीं ना कहीं हर व्यक्ति के लिए स्वतंत्रा के मायने अलग हैं-अलग होते हैं । ये सब उनकी रुचि पर निर्भर करता है। इसके बारे में 

आज ज़्यादा विस्तार में नहीं जाऊँगी ।

 

बस आज के दिन इतना चाहूँगी कि हम सभी मिलकर एक रहें , ख़ुश रहें, व्यस्त रहें । साथ ही साथ शपथ ले कि हमारे आसपास के 

वातावरण में एकता का माहौल बनाएँ और भ्रष्टाचार से दूर रहें ।

जिस दिन हर नागरिक अपनी  नैतिक ज़िम्मेदारी स्वयं लेगा । उस दिन वाक़ई में हमारा देश आज़ाद हो जाएगा ।

 

 

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