यूँ ही बेसबब न फिरा करो ।। Hindi Shayari of Basheer Badra Written by “Basheer Badra” यूँ ही बे-सबब न फिरा करो, कोई शाम घर में भी रहा करो वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है, उसे चुपके-चुपके पढ़ा करो कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से ये नये मिज़ाज का… Read More »