कभी कभी अपनी परछाई से भी डर लगता है Emotional Hindi Poetry on shadow

कभी कभी अपनी परछाई से भी डर लगता है Emotional Hindi Poetry shadow कभी कभी अपनी परछाई से भी डर लगता है मौत से भी ज्यादा जिन्दगी से डर लगता है सफर में आगे बढ़ तो रहे हैं हम तन्हाई से भी … [Read more...]

क्या सबब है कुछ फीका फीका सा है समां

क्या सबब है कुछ फीका फीका सा है समां Emotional Hindi Poetry क्या सबब है कुछ फीका-फीका सा है समां क्या वजह है कि कुछ रुका रुका सा है ये जहाँ   ख्वावों में भी शायद  तन्हाई है … [Read more...]