
Meaning of inner power in Hindi
हर इंसान के अंदर दो इंसान होते हैं एक बाहर और भीतर ।
भीतर का इंसान भी ठीक बाहर के इंसान की तरह होता है । भीतर का इंसान भी अंदर ही अंदर कुछ बोलता रहता है।
और बाहर का इंसान बाहरी दुनिया में मशरूफ हो जाता है । जिस पल बाहर का इंसान भीतर के इंसान को पहचान लेता है
शायद वही पल बहुत खास होता है वैसे तो बाहर के इंसान और भीतर के इंसान मैं हर वक्त एक द्वंद चलता रहता है ।
बाहर का इंसान दिखावे में जीता है लोगों से सोच समझकर बातें करता है
दुनिया में ख़ुद को साबित करने की कोशिश करता है ।
वह हमेशा कुछ ऐसा करता रहता है, जो शायद उसे पसंद ना भी हो।
बाहर के इंसान की एक सीमा होती है वह अपने दायरे में रहता है ।
यह हमारा बाहर का इंसान डरपोक कायर मजबूर हो सकता है ,
जबकि भीतर का इंसान एक बिल्कुल अलग इंसान होता है, उसे डर नहीं लगता ।
कभी भी कुछ भी सोचता है , असल में भीतर के इंसान में कोई दिखावा नहीं होता ।
वह सिर्फ हमारे बाहर के इंसान के द्वारा बनाई गई दीवारों में घुटता रहता है ।
सवाल अंदर ही अंदर चलते रहते हैं । वह कई बार अंदर ही अंदर रोता है,
कभी अंदर ही अंदर खुश होता है ।
कभी एकदम चुप शांत रहता है , तो कभी इतना अधिक शोर करता है
कि बाहर के इंसान को झकझोर कर रख देता है।
जिस तरह बाहर का इंसान भी भीतर के इंसान को प्रभावित करता है।
उसी तरह भीतर का इंसान बाहर के इंसान को प्रभावित करता रहता है ।
इस द्वंद में अगर कोई तीसरा जगह ले भी ले, तो उसकी कभी भीतर के इंसान से नहीं बनती,
तो कभी बाहर के इंसान से नहीं बनती । मुश्किल तब और भी बड़ी हो जाती है ।
जब कोई तीसरा आकर कभी भीतर के इंसान को बांधने की कोशिश करता है ,
तो कभी बाहर के इंसान को बांधने की कोशिश करता है ।
बाहर इंसान कभी उतना नुकसान नहीं पहुंचा सकता, जितना भीतर का इंसान ।
क्योंकि बाहर के इंसान का दायरा सीमित है और भीतर के इंसान का दायरा असीमित है ।
उसका आकाश बहुत बड़ा है
वह अपने पंख फैला कर घंटों उड़ सकता है ।
भीतर का इंसान अगर नाराज हो जाए या टूट जाए ,
तो बाहर का इंसान उसे कभी संभाल नहीं सकता ।
लेकिन जबकि भीतर का इंसान भलीभांति बाहर के इंसान को संभालने में सक्षम है ।
जब यह दोनों इंसान धीरे-धीरे एक होने लगते हैं ।
बाहर का इंसान भीतर के इंसान की आवाज सुनने लगता है , तब जो एक नया इंसान रूप लेता है
वह असीमितताओं से भरा होता है । उसके पास लाखों संभावनाएं होती हैं ।
उसके अंदर दर्द जैसी कोई चीज नहीं बचती ।
वह हर परिस्थिति में जी सकता है ।
और बाहरी दुनिया से दूर यह दोनों इंसान एक दूसरे के साथ संपूर्ण और खुश रहने लगते है
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