स्वर्ग कहाँ है Motivational Hindi story on heaven

स्वर्ग कहाँ है

Motivational Hindi story on heaven

स्वर्ग कहाँ है Motivational Hindi story on heaven

स्वर्ग कहाँ है Motivational Hindi story on heaven

Friends अगर हम अपने आसपास देखें तो बहुत सारे व्यक्ति ऐसे मिलेंगे जो स्वर्ग जाना चाहते हैं। बचपन से हम सुनते आये हैं, कि जो अच्छे कर्म करता है वह स्वर्ग में जाता है, और जो बुरे कर्म करता है वह नरक में जाता है।

बहुत पुरानी बात है। एक शहर में एक व्यक्ति रहता था। वह व्यक्ति बहुत ही धार्मिक था। वह हमेशा धर्म-कर्म करता रहता था।

वह व्यक्ति चाहता था की वह इतने पुण्य कर्म करे कि मरने के बाद उसे स्वर्ग मिले। वह जो भी कमाता था उसका ज्यादात्तर भाग परोपकार में लगाता था। उससे लगता था की पुण्य कर्म करने से उसे निश्चित ही स्वर्ग की प्राप्ति होगी।

लेकिन परोपकार करते- करते उसके अन्दर अहंकार भी बढ़ता जा रहा था,  कि  “मैंने इसके लिए ये किया, वो किया”. मैं सबकी मदद करता हूँ।

एक बार उसके शहर में एक प्रसिद्द संत आये। वह तुरंत उनकी सेवा में लग गया। उसने संत के सामने अपनी स्वर्ग जाने की इच्छा जाहिर की और उन्हें ये भी बाताया की वह इसके लिए कितने परोपकार कर रहा है।

लेकिन संत समझ गए संत को उस व्यक्ति की बातों में अहंकार नज़र आया। संत ने उस व्यक्ति को ध्यानपूर्वक ऊपर से नीचे तक देखा और कहा की तुम कैसे स्वर्ग जाओगे ?  मैं नहीं मानता की तुम एक दानी व्यक्ति हो क्योंकि तुम्हारे अन्दर मुझे अहंकार नज़र आ रहा है।

यह सुनकर वह व्यक्ति क्रोधित हो गया और उसने संत को मारने के लिए डंडा उठा लिया।

तब संत ने मुस्कुराकर कहा-  “तुम्हारे अन्दर तो जरा भी स्थिरता नहीं है, जरा भी धेर्य नहीं है और तुम्हारे अन्दर इतना अहंकार है। तुम स्वर्ग जाने की इच्क्षा रखते हो। जो भी तुम परोपकार करते हो गिनते रहते हो”।

संत ने जो भी वचन कहे उनसे उस व्यक्ति पर प्रभाव पड़ा और उसे अपनी गलती का एहसास हो गया। और वह अपनी गलती के लिए क्षमा माँगने लगा।

तब संत ने कहा-  “जिस दिन तुम अपने विकारों से मुक्त हो जाओगे, अहंकार को त्याग दोगे, उस दिन इस धरती पर ही तुम्हे स्वर्ग नज़र आने लगेगा”।

स्वर्ग और नरक इस धरती पर ही होते हैं और कहीं नहीं।

इस कहानी से ये शिक्षा मिलती है कि स्वर्ग और नरक इस धरती पर ही होता है, कहीं और नहीं। जब हम अच्छे कर्म करते हैं और सबके साथ अच्छा व्यव्हार करते हैं, तो हमें इससे मानसिक शांति मिलती है और ये धरती ही हमें स्वर्ग के समान दिखाई देने लगती है।

जब हम बुरे कर्म करते हैं, तो हमें चारों ओर अशांति दिखाई देती है, तब यही धरती हमारे लिये नरक होती है।

 

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Comments

  1. Very nice story….sach hai ki swarg aur narak sab yahin hai….

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