कल रात मेरी आँखों ने एक ख्वाव देखा था Hindi Poetry on dream

कल रात मेरी आँखों ने एक ख्वाव देखा था

Hindi Poetry on dream

कल रात मेरी आँखों ने एक ख्वाव देखा था Hindi Poetry on Dream

कल रात मेरी आँखों ने एक ख्वाव देखा था Hindi Poetry on Dream

कल रात मेरी आँखों ने एक ख्वाव देखा था

ख्वावों में एक अजब सा इत्तेफाक देखा था 

 

आरज़ू की कलियाँ खिल रहीं थीं चारसू

चाँद तारों का खुबसूरत लिबास देखा था 

 

शायद आसमां को ज़मीं के साथ देखा था 

समंदर में लहरों का आगाज़ देखा था 

 

दिल की धडकनों के जैसा एक साज़ देखा था 

दो दिलों के बीच पनपता एहसास देखा था 

 

जो कल बन जाता है कल और

कभी बनता है बीता हुआ कल

जो आज कभी आता ही नहीं 

वो आज देखा था 

 

जिसके प्यार की एक बूंद से

रोशन हो जाए जिन्दगी

ऐसे प्यार भरे दिल का

सैलाब देखा था

 

चाँद पर चलती हूँ मैं 

और देखती ज़मीं को हूँ 

चाँद पर भी तमन्नाओं का

फसाद देखा था 

 

इस कविता का Video देखने के लिए यहाँ Click करें।

 

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Comments

  1. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ….. very nice … Thanks for sharing this!! 🙂 🙂

  2. priyanka talekar says

    its really nic

  3. SHIVKUMARI DIVYANSHI says

    अच्छी लगी

  4. Bahut hi rumani..

  5. Bahut hi behtareen..

  6. प्रियंका जी आपके शब्द दिल की गहराइयों में उतर जाते हैं. आप अच्छा लिखती हैं.
    Hindisuccess.com को आपकी नई रचना का इन्तजार है. जब भी फुरसत मिले तो जरुर लिखिएगा.

  7. Prabhu jaishiya says

    Very good Priynka g

  8. aaaaa kamal ki shabdoon ka istamaal kartey haan aap shayd aap padtey bahut haaan kabhi to samajh aaa jata haaan par kabhi nahi samajh atat maagar padh key +ve lagta haan aisey he likhtey rahiye bahut badiya

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