रूह के जाने के बाद Hindi Poetry on death

रूह के जाने के बाद

रूह के जाने के बाद Hindi Poetry on death

रूह के जाने के बाद Hindi Poetry on death

Hindi Poetry on death

रूह के जाने के बाद

कुछ भी तो नहीं रहता

ना आँखें देखती हैं, ना कान सुनते हैं

ना जुबां बोलती है, ना कोई एहसास साथ होता है

सब कुछ ख़त्म हो जाता है, बस एक रूह के जाने से..

मगर फिर भी

जिन्दगी रुक तो नहीं जाती किसी के जाने से

हकीकत बहुत जुदा होती है किसी फ़साने से

 

कुछ दिन मायूसी कुछ दिनों तक रहती है याद

कुछ दिनों तक हाल बुरा रहता है किसी के जाने के बाद

मगर फिर वही सब पहले की तरह

खाना, सोना,उठाना काम करना, लोगों से मिलना-जुलना

फिर अचानक से होता है एक कमी का एहसास

 

कुछ लोग जो करीब होते हैं

उन्हें ये कमी खलती है बेहिसाब

साँस अटकी रहती है और जान भी नहीं जाती

ग़मों का टूट पड़ता है सैलाब

 

सब कुछ ख़त्म हो जाता है बस एक रूह के जाने से..

 हकीकत बहुत जुदा होती है किसी फ़साने से

 

एक सच सामने आता है किसी के जाने से

कुछ भी कर लें लोग बहुत कामयाब बन जायें

कोई भी रोक नहीं सकता मौत को आने से

 

बस इतना समझ आता है किसी के जाने से

कोई फायदा नहीं इस दुनिया में दिल लगाने से

 

जिन्दगी रुक तो नहीं जाती किसी के जाने से

हकीकत बहुत जुदा होती है किसी फ़साने से

 

रूह के जाने के बाद कुछ भी तो नहीं रहता…

 

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Comments

  1. I have no word to say anything about this….I mean m speechless
    wonderful……I love it……it is so good
    thank u so much for this poetry who wrote trhis

  2. I lost someone today my uncle i dont hv words thid made me cry .. i dont know how to explain loss

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