गुलज़ार साहब के मशहूर शेर ।
Famous Sher of Gulzar Saheb

गुलज़ार साहब के मशहूर शेर । Famous Sher of Gulzar Saheb ।
गुलज़ार साहब एक ऐसे शायर जिनकी शायरी न सिर्फ़ दिल को छू जाती हैं बल्कि उनकी शायरी
में एक सच्चाई भी देखने को मिलती है। पुराने गीतों से लेकर आज के नए गीतों में भी गुलज़ार
साहब के लगभग सभी गीत बहुत मशहूर हुए हैं.
शायद ही कोई ऐसा हो जिसे गीत सुनना पसंद हो
और वो गुलज़ार साहब को न जानता हो। गुलज़ार जी भारत के प्रसिद्द भारतीय पटकथा लेखक,
गीतकार, फ़िल्म निर्देशक और नाटककार हैं। आइए आज उनके कुछ शेर आपके साथ Share
करने जा रही हूँ
1 :
जब भी ये दिल उदास होता है
जाने कौन आस-पास होता है
2:
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
3:
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
आदत इस की भी आदमी सी है
4 :
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया
गुलज़ार साहब के मशहूर शेर
5 :
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की
6 :
चंद उम्मीदें निचोड़ी थीं तो आहें टपकीं
दिल को पिघलाएँ तो हो सकता है साँसें निकलें
7 :
अपने माज़ी की जुस्तुजू में बहार
पीले पत्ते तलाश करती है
8 :
तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं
सज़ाएँ भेज दो हम ने ख़ताएँ भेजी हैं
9 :
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में
10 :
आप के बा’द हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
11 :
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा कर
12 :
आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ए’तिबार किया
13 :
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है
14 :
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़
किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे
15 :
रुके रुके से क़दम रुक के बार बार चले
क़रार दे के तिरे दर से बे-क़रार चले
गुलज़ार साहब के शेर सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें
MUST READ
न जाने क्या है इस खामोशी का सबब
कुछ नहीं कहना है कुछ नहीं सुनना है
तनहाँ सी ज़िंदगी
तुम भी क्या ख़ूब कमाल करते हो
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