गर्मियों की छुट्टियों पर निबंध Hindi essay on Summer vacation

गर्मियों की छुट्टियों पर निबंध Hindi Essay on Summer vacation

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गर्मियों की छुट्टियों का इंतज़ार सभी बड़े और बच्चे बहुत ही उत्साह के साथ करते है|

कि जब छुट्टियाँ होंगी तो क्या क्या करना है हम पहले ही अपने विचार बना कर  रखते है|

कि गर्मियों की छुट्टियों में हमें कहा कहा जाना है ? क्या क्या करना है ?

किस किस से मिलना है ? इत्यादि बच्चों के पेपर ख़त्म होने चले है आज अंतिम पेपर है

और सब बच्चे पेपर हाल से बाहर की ओर निकल रहे है|

ख़ुशी से एकदूसरे के साथ मस्ती कर रहे है|

क्यों कि सबको पता आज से उनकी  गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो चुकी है |

आज से सब अपने अपने मन का काम करेंगे कुछ दिनों के लिये पढाई से छुट्टी हो गयी है ।

गर्मियों की छुट्टियों में घूमने की योजना :

सभी बच्चे गर्मियों की छुट्टियों के लिए अपनी योजना कुछ इसप्रकार बनाते हैं : – 

मैं अपनी गर्मियों की छुट्टियां कुछ इसप्रकार बिताने वाला हूँ।

पहले तो मैं मेरे सभी दोस्तों के साथ मिलकर रोज़ शाम के समय क्रिकेट खेलने जाऊंगा ।

वहां हम सब मिलकर बहुत अच्छी प्रेक्टिस करेंगे ताकि आगे कभी कोई भी प्रतियोगिता हो तो

हम उसमें भाग ले सके ।मेरी बहन को अपनी सारी सहेलियों के साथ मिलकर पार्टी करना है ।

और नयी नयी चीजे जैसे पेंटिंग करना आदि सीखना है

उसे पिकनिक पर भी जाना है तो हम सब दोस्तों ने भी फैसला किया कि हम भी उनके साथ जायेगे।

हमसब ने अपने-अपने मम्मी पापा से पिकनिक जाने के लिये इजाजत भी ले ली है

और जिसके माता पिता अपने बच्चों को जाने से मना कर रहे थे ।

हम सब दोस्तों ने मिलकर उसके यहाँ जाकर विनती की करके  और सबको तैयार कर लिया|

सबने मिलकर सलाह की क्या-क्या लेकर जाना है कुछ बड़ों से भी सलाह ली|

अंत में तय हुआ कि हमें दो चटाइयाँ, चार गेंदे, खाने के लिये कुछ फल लाना है |

और सब अपना अपना एक टिपिन बॉक्स और पानी की बोतल लेकर आयेंगे |

दूसरे दिन सुबह हम सब पिकनिक के लिये निकल पड़े| 

वहां एक बड़े से मैदान में हमने मिलकर गेंद से खेलने का बड़ा आनंद लिया|

खुले आसमान में खेलने का आनंद ही कुछ अलग था,

 

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फिर हमने अपना – अपना भोजन किया और करीब दो से तीन घंटे के बाद वहां से लौट आये |

अगले पांचवे दिन हमारा गाँव जाने का प्रोग्राम था |

तब तक हमने अपने दोस्तों के साथ समय बिताया फिर हम गाँव निकल गये |

वहां हमारी नानी जी और नाना जी  रहते है | 

 नानी के यहाँ पहुँचने में कुल चार घंटे लगे हम वहां पहुंचे तो सब बहुत खुश हो गये|

वहां मैं और मेरी बहन के अलावा दो और भी बच्चे थे|

हमने एकदूसरे के साथ खूब खेला वहां गाँव में एक बड़ी सी नदी है|

हम सभी वहां गये और नदी में नहाने का खूब आनंद उठाया|

फिर वहां के सुंदर – सुंदर  प्राचीन मंदिरों के दर्शन किये और वहां का स्वादिष्ट प्रसाद खाया|

फिर हमने वहां के बगीचे में घूमने की योजना बनाई पर अब रात भी हो चली थी|

हम घर वापस आ गये,जब हम घर पर आये तो देखा कि नानी ने तो समोसे बनाये है|

फिर हमने समोसे खाये और थक कर सो गये|

हमारी दूसरे दिन सुबह जल्दी आँख नहीं खुली |

हम बहुत थक गए गये थे |

तब नानाजी ने कहा अब एक दिन का आराम करलो|

फिर और घूमना उस दिन हमने घर में ही सबके साथ वक्त बिताया

और दूसरे दिन फिर हम पार्क की ओर निकल पड़े|

बहुत ही सुन्दर  था वहां अनेको प्रजाति के फूल लगे हुये थे|

कई सारे दवाइयों वाले वृक्ष थे|

हमें वहां के एक आदमी ने उन वृक्षों के बारे में बताया कि ये वृक्ष तो सैलून पुराने है|

आज भी हरे भरे है | बगीचा फूलों की खुशबु से महक रहा था|

चारों ओर  फूलों की सुन्दरता हमारा मन मोह रही थी |

कई प्रकार की तितलियाँ फूलों का रस ले रही थी|

पक्षीयों की आवाज़ से पूरा बगीचा चहक रहा था|

गुलाब की कई प्रजातियाँ देख कर हम मन्त्र मुग्ध हो गये |

बीच में एक पानी का फव्वारा बगीचे की शोभा बड़ा रहा था|

हम कुछ दिनों में ही अपने घर आ गये |

गर्मियों की छुट्टियों का गृहकार्य :

घर आने के बाद हमें अपना गर्मियों की छुट्टियों का गृहकार्य भी करना था|

हम घर पहुंचे वहां माँ के साथ घर में उनकी मदद करवाई|

और अपना गृहकार्य करने के लिये बाजार गये और वहां से ज़रूरत की सारी सामग्री लाये|

और अपना कार्य करना शुरू कर दिया क्यों कि अब स्कूल खुलने में ज्यादा वक्त नहीं था|

पहले मैंने मेरी बहन का गृहकार्य करने में उसकी मदद की  |

उसके बाद मैंने मेरा गृहकार्य पूर्ण किया,

और उसमे भी छोटे मोटे कामों में मेरी बहन को लगा दिया ताकि वो भी व्यस्त रहे |

इसतरह हमने हंसी ख़ुशी अपनी गर्मियों की छुट्टियों का आनंद उठाया |

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